EID Mubarak Wishes in Hindi
( EID Mubarak Wishes in Hindi ) ईद मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार है। तीस दिन के रोजों के बाद चांद के दीदार
के साथ ही ईद का जश्न शुरू हो जाता है। रमजान के महीने में लोग रोजे रखकर अपना दिन
अल्लाह की इबादत में बिताते हैं। खुदा भी अपने उन अकीदतमंदों को इन रोजों को पूरी
करने की हिम्मत देता है जो ईमानदारी से इस राह पर चलते हैं। EID
Mubarak Wishes in Hindi
आखिरी रोजे की शाम चांद निकल जाने पर अगले दिन ईद का जश्न
मनाया जाता है। ईद के दिन घर में तरह तरह के पकवान बनते हैं और एक दूसरे को बधाई
दी जाती है। लॉकडाउन के कारण यदि इस ईद पर आप घर और अपनों से दूर हैं तो इन
खूबसूरत शायरी की मदद से मुबारकबाद भेज सकते हैं।
मिल के होती थी कभी ईद भी दीवाली भी
अब ये हालत है कि डर डर के गले मिलते हैं
कोई इतना चाहे तुम्हें तो बताना,
कोई तुम्हारे इतने नाज़ उठाए तो बताना,
ईद मुबारक तो हर कोई कह देगा तुमसे,
कोई हमारी तरह कहे तो बताना।
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माह-ए-नौ देखने तुम छत पे न जाना हरगिज़
शहर में ईद की तारीख़ बदल जाएगी
जलील निज़ामी
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जो लोग गुज़रते हैं मुसलसल रह-ए-दिल से
दिन ईद का उन को हो मुबारक तह-ए-दिल से
ओबैद आज़म आज़मी
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हम ने तुझे देखा नहीं क्या ईद मनाएँ
जिस ने तुझे देखा हो उसे ईद मुबारक
लियाक़त अली आसिम
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ईद शायरी
ईद एक त्यौहार है इस मौक़े पर लोग ख़ुशियाँ
मनाते हैं लेकिन आशिक़ के लिए ख़ुशी का ये मौक़ा भी एक दूसरी ही सूरत में वारिद
होता है। महबूब के बहर में उस के लिए ये ख़ुशी और ज़्यादा दुख भरी हो जाती है। कभी
वो ईद का चाँद देख कर उस में महबूब के चेहरे की तलाश करता है और कभी सब को ख़ुश
देख कर महबूब से फ़िराक़ की बद-नसीबी पर रोता है। ईद पर कही जाने वाली शायरी में और भी कई दिल-चस्प पहलू हैं। हमारा ये शेरी इन्तिख़ाब पढ़िए।
EID Mubarak Wishes in Hindi
ईद शायरी, दोस्तों इस पेज पर हम आपके लिए कुछ बहुत खूबसूरत ईद शायरी, ईद स्टेटस और ईद मुबारक मेसेज पेश कर रहे हैं, इस वर्ष 2021 में एसा अनुमान है
की ईद यानि की ईद उल फ़ित्र का त्यौहार 14 May 2021 को मनाया जायेगा,
यह ईद के चाँद के दिखाई देने पर निर्भर रहेगा, अगर 4 जून को चाँद दिख गया तो ईद 14
May 2021 और अगर नहीं दिखा तो 16 May 2021 को मनाई जाएगी.
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ईद ख़ुशियों का दिन सही लेकिन
इक उदासी भी साथ लाती है
ज़ख़्म उभरते हैं जाने कब कब के
जाने किस किस की याद आती है
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ईद आई तुम न आए क्या मज़ा है ईद का
ईद ही तो नाम है इक दूसरे की दीद का
ऐ हवा तू ही उसे ईद-मुबारक कहियो
और कहियो कि कोई याद किया करता है
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किसी विसाल की आहट, किसी उम्मीद का दिन
फ़िज़ा में घुलते हुए नग़मा ऐ सईद का दिन
अब इस से बढ़ के मुबारक भी वक़्त क्या होगा
तुम्हारी याद का मौसम है और ईद का दिन
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महक उठी है फ़ज़ा पैरहन की ख़ुश्बू से
चमन दिलों का खिलाने को ईद आई है
दिलों में प्यार जगाने को ईद आई है
हँसो कि हँसने हँसाने को ईद आई है
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मेरे यारों को ईद मुबारक हो
ग़म-गुसारो को ईद मुबारक हो
आशिक व माशूक़, रिंदों पर्सा
आज सबको को ईद मुबारक हो
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तुम दरवाजे पे कभी दस्तक न देना
कुछ आहटों में उम्मीद होनी चाहिए!
क्यूँ हो ये रिवाज इतने पकवानों का
गरीब केे घर भी तो ईद होनी चाहिए!
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उसे मालूम है उसके आने से हो जायेगी ईद मेरी,
चाँद सा वो मेरे आँगन में उतर क्यों नहीं आता।
बस एक झलक उसकी भर देगी खुशियों से मुझे,
वो मोतियों सा मेरे होठों पे बिखर क्यों नहीं जाता।
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